खुल्दाबाद इलाके में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। लाचार बुजुर्ग मां को घर में कैद कर एक रेलवे कर्मचारी पत्नी समेत छठ पूजा के लिए बिहार चला गया। पांच दिन तक मां घर में बिस्किट-पानी के सहारे जिंदा रही। सोमवार सुबह भूख से तड़पती बुजुर्ग ने चीख-पुकर की, तब जाकर पड़ोसियों को पता चला। घर में ताला लगा था कि इसलिए पुलिस को बुलाया गया। सीढ़ी के सहारे में मकान के पहले तल पर पहुंचकर पुलिस ने कमरे का ताला तोड़कर बुजर्ग मां को बाहर निकाला। बेटे-बहू के इस क्रूर व्यवहार से आसपास के लोग भी स्तब्ध हैं। खुल्दाबाद में काला डांडा निवासी राजू कुमार रेलवे कर्मचारी है। रेलवे से ही रिटायर उसके पिता का निधन हो चुका है। 85 वर्षीय मां रामदुलारी उसके साथ रहती है। उन्हें पेंशन मिलती है। यह परिवार मूल रूप से बिहार का रहने वाला है। इंस्पेक्टर खुल्दाबाद कौशल कुमार यादव ने बताया कि छह दिन पहले राजू अपनी पत्नी पुष्पा के साथ छठ पूजा के लिए बिहार चला गया। उसने लाचार बूढ़ी मां को साथ ले जाने के बजाय कमरे में बंद कर दिया और बाहर से ताला लगा दिया। मां जिंदा रहे इसलिए कमरे में बिस्किट समेत खाने की कुछ सामग्री रख दी। मां को घर में कैद कर जाते समय किसी पड़ोसी या रिश्तेदार को भी बताना मुनासिब न समझा। सोमवार सुबह पड़ोस की एक महिला ने कमरे में बंद बुजुर्ग महिला की चीख सुनी तो शक हुआ। घर में बाहर से ताला लगा था। इस बारे में स्थानीय पार्षद बबली सोनकर और पड़ोसियों को बताया गया। घर के बाहर भीड़ लग गई। खबर पाकर खुल्दाबाद पुलिस वहां पहुंची। राजू की मां की आवाज पहले तल के बाहरी कमरे से आ रही थी। सीढ़ी लगाकर पुलिस उस कमरे तक पहुंची।
पुलिस ने पहले मां को खाना दिया। फिर वीडियोग्राफी के बीच ताला तोड़कर उन्हें बाहर निकाला। रामदुलारी ने पड़ोसियों से पूछा कि उसका बेटा आ गया क्या? यह सुनकर लोगों की आंखों से आंसू छलक आए। खुद के साथ अमानवीय व्यवहार करने वाले बेटे को वह व्याकुल होकर पूछ रही थी। खुद रामदुलारी ने बताया कि बेटा-बहू छठ पूजा करने बिहार गए हैं। पुलिस ने बेटे राजू से मोबाइल फोन पर बात की। उसने बताया कि वह बिहार से चल चुका है। बूढ़ी होने के चलते मां को वह साथ नहीं ले जा सका। पुलिस ने उसे फटकार लगाई और सुबह थाने आने को कहा। रामदुलारी को पड़ोसी के घर में रखा गया है।
पहले भी मां को कैद कर गया था दिल्ली
पड़ोसियों ने बताया कि कुछ महीने पहले भी राजू इसी तरह मां को घर में कैदकर दिल्ली चला गया था। तब भी मां के शोर मचाने पर भीड़ जुटी तो रामदुलारी की बहू की बहन ने आकर कहा था कि उससे गलती हो गई। उसे देखभाल की जिम्मेदारी देकर राजू गया था।
पुलिस ने पहले मां को खाना दिया। फिर वीडियोग्राफी के बीच ताला तोड़कर उन्हें बाहर निकाला। रामदुलारी ने पड़ोसियों से पूछा कि उसका बेटा आ गया क्या? यह सुनकर लोगों की आंखों से आंसू छलक आए। खुद के साथ अमानवीय व्यवहार करने वाले बेटे को वह व्याकुल होकर पूछ रही थी। खुद रामदुलारी ने बताया कि बेटा-बहू छठ पूजा करने बिहार गए हैं। पुलिस ने बेटे राजू से मोबाइल फोन पर बात की। उसने बताया कि वह बिहार से चल चुका है। बूढ़ी होने के चलते मां को वह साथ नहीं ले जा सका। पुलिस ने उसे फटकार लगाई और सुबह थाने आने को कहा। रामदुलारी को पड़ोसी के घर में रखा गया है।
पहले भी मां को कैद कर गया था दिल्ली
पड़ोसियों ने बताया कि कुछ महीने पहले भी राजू इसी तरह मां को घर में कैदकर दिल्ली चला गया था। तब भी मां के शोर मचाने पर भीड़ जुटी तो रामदुलारी की बहू की बहन ने आकर कहा था कि उससे गलती हो गई। उसे देखभाल की जिम्मेदारी देकर राजू गया था।
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