Search This Blog

Tuesday 20 December 2016

फिल्में स्टार से नहीं टैक्निशियन और स्क्रीप्ट से चलती है- डाक्टर सुनील

 फिल्मकार डाक्टर सुनील को यथार्थपरक फिल्में बनाने के लिए जाना जाता है। बिहार के भाजपा  विधायक और जाने माने फिल्म वितरक डाक्टर सुनील के बारे में कहा जाता है कि वे ये ऐसे पारस हैं जिनका नाम किसी भी फिल्म में आता है वह फिल्म सफलता के पायदान पर चढ़ती है। डाक्टर सुनील ऐसे निमार्ताओं में और वितरको में शुमार हैं, जिन्होंने न सिर्फ बॉलीवुड में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी खास पहचान बनाई है। भोजपुरी के मौजूदा हाल पर दुखी डाक्टर सुनील आज भी साफ गोई से बोलते हैं। वे कहते हैं मैं बार बार कहता हूं कि फिल्में स्टारों से नहीं बल्की टेक्निशीयन से चलती है। एक बेहतर स्क्रीप्ट की जगह लोग परेशान इस बात के लिये रहते हैं कि अमुक हीरो की हाल में ये फिल्म हीट हुयी है। इसलिये इसे लेना चाहिये। मैं कहता हूं उसकी पिछली दस फिल्मों का क्या हुआ ये भी देखिये। डाक्टर सुनील कहते हैं भोजपुरी वर्ल्ड दुनिया का पहला ऐसा इंटरटेनमेंट वर्ल्ड है जिसमें हीरो के साथ आपको हीरोईन गिफ्ट में  मिलेगी। आप सिर्फ हीरो को साईन किजिये आपको वही हीरो बतादेगा कि हिरोईन कौन रहेगी। हीरो ही तय करते हैं कि संगीत किसका होगा और गीत कौन लिखेगा। अब इस हीरो से पूछा जाये कि पैसा प्रोड्यूसर का लग रहा है तो हिरोईन आप तय करने वाले कौन होते हैं। आपको एक्टिंग  के लिये साईन किया गया है हीरोईन कौेन होगी ये बताने के लिये नहीं। डाक्टर सूुनील कहते हैं आज बीस हजार रुपये में लोग कहानी लिखवा रहे हैं। कहानीकार मुंबई में रहता है उसके भी बीबी बच्चे हैं । वो इतने कम पैसे में कैसे काम करेगा ये सोचने वाला कोई नहीं है। डाक्टर सुनील कहते हैं आज लोग टैक्नीशियनोें पर पैसा खर्च नहीं करते हैं बल्की हीरो पर पैसा खर्च करते हैं और यहीं से भोजपुरी फिल्मों का बंटाधार होता है। भोजपूुरी फिल्मो में बढ़ती अश्लीलता के लिये ये निमार्ता ही जिम्मेदार हैं । उन्हे लगता है कि इससे दर्शक आयेंगे। वे ये नहीं सोचते कि आज इंटरनेट का जमाना है और लोगो को इंटरनेट पर पूरा अश्लीलता का बाजार मिलता है फिर आपकी फिल्म देखने वो क्यो आयेगा। आज जरुरत है टैक्निशियनों पर ध्यान देने की।साथ ही अच्छी कहानी की जिसमें कुछ नयापन हो। टेक्निकली अच्छी फिल्मों की आज जरुरत है जिसको देखने के बाद भोजपुरी दर्शक भी कहें कि हमारी भाषा में भी अच्छी फिल्में बन सकती हैं । इससे दर्शक फिर से भोजपुरी सिनेमा की तरफ लौटेंगे और भोजपुरी सिनेमा की प्रगति होगी।

No comments:

Post a Comment