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Saturday 10 October 2020

कांग्रेस : हाथरस पर दंगा , करौली पर नंगा ? Hatras Vs Karauli

 Written By Uday Bhagat

एक सप्ताह पहले देसी विदेशी चैनल पर देश की सबसे सम्पन्न राजनीतिक परिवार की दो वारिस , कॉंग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और कॉंग्रेस के प्रायोजित प्रधानमंत्री राहुल गांधी और कॉंग्रेस की ओर से उत्तर प्रदेश की एक्सपर्ट प्रियंका वाड्रा का सियासी ड्रामा काफी चला था । अब जबकि उनके ड्रामे की पोल खुल चुकी है तो गांधी वाड्रा खेमे में सन्नाटा है । हाथरस की घटना की जितनी निंदा की जाए वो कम है , अगर सच मे लड़की से दुष्कर्म किया गया है तो आरोपी को फांसी की सजा मिले । मैंने सच मे इसीलिए लिखा क्योंकि हाथरस मामला काफी पेचीदा हो गया है । पीड़िता के पहले , दूसरे , तीसरे और मृत्यु पूर्व बयान में काफी अंतर है । हालांकि अदालत किसी भी मृतक के बयान को सच मानती है , यह अवधारणा है की मरता हुआ इंसान झूठ नहीं बोल सकता । लेकिन हाथरस कांड का जो भी सियासी ड्रामा हुआ वो किसी से छुपा नहीं है । रातों रात वेबसाइट बनना , उसमे आपत्ति जनक कंटेंट अपलोड करना और इन सबमे दिल्ली और बंगलोर को दंगो की आग में झोंकने वाले कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन की संलिप्तता ने मामले को नया मोड़ दे दिया है । ऐसा लगता है लोगो को ऐसी किसी वारदात का ही इंतजार था जिसमे पीड़िता दलित और आरोपी सवर्ण खासकर ठाकुर जाति का हो । यह शक इसीलिए भी पुख्ता होता है क्योंकि उसी दौरान बलरामपुर में भी एक दलित लड़की के साथ उनके पहचान वाले लड़के और उनके दोस्तों ने दरिंदगी की । बच्ची के साथ इस कदर हैवानियत की गई थी कि उसने दम तोड़ दिया । हाथरस की तरह यहां भी दुष्कर्म हुआ लेकिन आरोपी के मुसलमान होने के कारण यह मामला तूल नही पकड़ा , न कोई दलित संगठन आगे आई न गांधी वाड्रा भईया बहना के लिए यह कोई मुद्दा नज़र आया  । और तो और हाथरस कांड के बाद 25 लाख रुपये का मुआवजा देने वाली योगी सरकार ने भी कोई मुआवजे का एलान नही किया । पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया , अब केस चलेगा , चलता रहेगा । न्याय भविष्य के गर्त में दब जाएगा । खैर , ये तो हुई भाजपा शासित राज्य उत्तर प्रदेश की कहानी , अब आते हैं कॉंग्रेस के राज्य राजस्थान पर । एक महीने में 100 से भी अधिक बलात्कार , अधिकतर मामलों में आरोपी कुछ ऐसे ही जैसे बलरामपुर , आजमगढ़ , बुलंदशहर में थे । मीडिया में एक खबर और बस । प्रशासन चुप , नेता चुप , मीडिया में बस पेज नंबर दस के सिंगल कॉलम की न्यूज़ । इसी राजस्थान के करौली में एक भयावह घटना घटी जिसने पालघर कांड की याद ताजा कर दी । दबंग दलितों के एक समूह ने एक मंदिर के पूजारी को जिंदा जला दिया । कुछ मीडिया ने जोर शोर से इस मामले को उठाया तो कुछ ने चुप्पी साध ली । रविवार को जब पुजारी की मौत हुई तो कुछ मीडिया की नींद खुली और वहां का रुख किया । एक मीडिया ने अशोक गहलोत से इस बारे में सवाल पूछा तो मुख्यमंत्री महोदय ने हाथ जोड़कर सवाल को टाल दिया और आगे निकल गए  । इस मुद्दे को रिपब्लिक टी वी ने बड़ा मुद्दा बना दिया है । लोगो का हुजूम इकट्ठा होकर राजस्थान की कांग्रेस सरकार को कोस रही है कि मुख्यमंत्री या उसका कोई नुमाइंदा अभी तक क्यों नही आया ? लोगो मे रोष है कि आखिर कॉंग्रेस ये दोहरी नीति क्यों अपनाती है , यानी हाथरस में दंगा और अपने प्रदेश में नंगा क्यों हो रही है ? बहरहाल, आगे देखते हैं कॉंग्रेस इससे कैसे उबरती है ।


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